पोस्ट को पढ़े और समझने कि कौशिस करिए
पोस्ट को पढ़े और समझने कि कौशिस करिए
उनकी बेटी जब 4 साल की होती है,वह उसे कुरान पढ़ने के लिए भेजते हैं....और हमें आप भेज देते हो डांस क्लासेज़ में..
वह बिटिया को उर्दू पढ़ाने के लिए उर्दू_टीचर रखते हैं...
आप हमें इंग्लिश_स्पीकिंग_क्लास में भेजते हैं...
उनकी माँ अपनी बेटी को इस्लामी_रस्मो_रिवाज़ सिखाती है. आप हमें अपनी विशेषता बताने की जगह दिमाग में लड़कों से समानता की जहर भरकर आधुनिकता और खुलापन सिखाती हैं...
वह सिखाते हैं,अपनी बिटिया की हिजाब के फायदे . आप हमारे लिए शॉर्ट्स , खुले टॉप और मिनी स्कर्ट्स खरीदते हैं...
वह सिखाते हैं अपनी बिटिया को नमाज़ के फायदे और रोज़ों की बरकत.. आप हमें धार्मिक_कर्मकांडों से दूर रखते हैं,इसको धर्मांधता कहते हैं...
वह सिखाते हैं अपनी संतानों को संघर्ष और इस्लामिक सर्वोच्चता के सबक.. हमें सिखाते हो , सहनशीलता, सर्वधर्म समभाव,गांधी-बुद्ध और सदा समझौते की....
अंतर देख लीजिए...हम अस्तित्व बचाने में असमर्थ हैं और उनकी विश्व मे हरी पताका लहरा रही है..।हमे अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है..