जानें कितने प्रकार के होते हैं रूद्राक्ष उनके लाभ और मंत्र प्रथम भाग - 1
जानें कितने प्रकार के होते हैं रूद्राक्ष, उनके लाभ और मंत्र ( प्रथम भाग - 1 )
1. जानें कितने प्रकार के होते हैं
जानें कितने प्रकार के होते हैं रूद्राक्ष, उनके लाभ और मंत्र ( प्रथम भाग - 1 )
2.
क्या आपको पता है कि भगवान शिव के प्रतिक माने जाने वाले रूद्राक्ष कुल कितने प्रकार है और उनके पहनने से क्या-क्या लाभ होते हैं। रूद्राक्ष को धारने करने वाले के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शिवमहापुराण ग्रंथ में कुल सोलह प्रकार के रूद्राक्ष बताएं गए है और सभी के देवता, ग्रह, राशि एवं कार्य भी अलग-अलग बताएं है। जानें रूद्राक्ष के प्रकार एवं उनसे होने वाले लाभ
एक मुखी रूद्राक्ष
इसे पहनने से प्रसिद्धि, पैसा, सफलता प्राप्ति और ध्ध्यान करने के लिए सबसे अधिक उत्तम होता है। इसके देवता भगवान शंकर, ग्रह- सूर्य और राशि सिंह है ।
मंत्र - || ॐ ह्रीं नमः ||
दो मुखी रूद्राक्ष
इसे आत्मविश्वास और मन की शांति के लिए धारण किया जाता है। इसके देवता भगवान अर्धनारिश्वर, ग्रह- चंद्रमा एवं राशि कर्क है।
मंत्र - || ॐ नमः ||
तीन मुखी रूद्राक्ष
इसे मन की शुद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए पहना जाता है। इसके देवता अग्नि देव, ग्रह- मंगल एवं राशि मेष और वृश्चिक है।
मंत्र - || ॐ क्लीं नमः | |
चार मुखी रूद्राक्ष
इसे मानसिक क्षमता, एकाग्रता और रचनात्मकता के लिए धारण किया जाता है। इसके देवता ब्रह्म देव, ग्रह- बुध एवं राशि मिथुन और कन्या है।
मंत्र - || ॐ ह्रीं नमः ||
पांच मुखी रूद्राक्ष
इसे ध्यान और आध्यात्मिक कार्यों के लिए पहना जाता है। इसके देवता भगवान कालाग्नि रूद्र, ग्रह - बृहस्पति एवं राशि धनु व मीन है।
मंत्र - || ॐ ह्रीं नमः | |
छह मुखी रूद्राक्ष
इसे ज्ञान, बुद्धि, संचार कौशल और आत्मविश्ध्वास के लिए पहना जाता है। इसके देवता भगवान कार्तिकेय, ग्रह- शुक्र एवं राशि तुला और वृषभ है ।
मंत्र - || ॐ ह्रीं हूं नमः ||
सात धारी रुद्राक्ष
इसे आर्थिक और करियर में विकास के लिए धारण किया जाता है। इसके देवता माता महालक्ष्मी, ग्रह- शनि एवं राशि मकर और कुंभ है।
मंत्र- ॐ। ॐ हूं नमः ||
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|| ॐ नमः शिवाय ||